Friday, February 11, 2011

मूस   पर   साप   राखै, साप   पर   मोर राखै, बैल पर सिंह राखै, ताकी कहाँ भीति है,
पूत का भूत राखै, भूत का विभूति राखै,छ: मुख का गजमुख राखै,यहै बड़ी रीति है,
काम  का  बाम  राखै, आग  पै  पानी राखै, विष  पर अमृत राखै, यहै बड़ी जीति है,
देवीदास    देखौ,  शंकर    की    सावधानी,  सबै     बात     राखै,   खूबै    राजनीति   है,

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