सर पर सरप जटन लटकत लट, फफकत रहत फनन लप लप कर,
टपकत जहर गरल लटपत जब, सरकत इत उत उरग उदजधर,
समटत चपकत जघन नगन तर,मगन लखत सब अलख चखन भर,
हसत नचत पग परत अमर गन, दरद न रहत कहत नर हर हर,
टपकत जहर गरल लटपत जब, सरकत इत उत उरग उदजधर,
समटत चपकत जघन नगन तर,मगन लखत सब अलख चखन भर,
हसत नचत पग परत अमर गन, दरद न रहत कहत नर हर हर,
हम हसत रहत यह पढ़त पढ़त ।
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