Kavita Ghat (कविता-घट)
Wednesday, January 5, 2011
विश्व
में
प्रेम
प्रसारन
कारन
,
ब्रह्म
सज्योति
भयो
नरनारी
,
नीलम
रंग
सोई
नन्द
नंदन
,
कंचन
कांति
है
कीर्ति
कुमारी
,
दोउन
की
छवि
छाजे
दोउ
तन
,
कीनेहु
चहे
पै
होत
न
न्यारी
,
याही
ते
श्याम
पीताम्बर
धारत
,
राधिका
धारत
नीलम
सारी
,
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