दुई बेर द्वरिका, त्रिवेणी जाय तीन बेर, चार बेर काशी गंग, अंगहू नहाये ते,
पांच बेर गया जाय, छ: बेर नीमसार, सात बेर पुष्कर में मज्जन कराये ते,
रामनाथ, जगन्नाथ, बदरी, केदारनाथ, दशाश्वमेघ में दस बेर पग धाये ते,
जेते फल होत सभी तीरथ स्नान किये, तेते फल होत एक राम नाम गाये ते,
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