पाय प्रभुताई कछु कीजिये भलाई यहाँ नाही थिरताई बैन मानिये कबिन के,
यश अपयश रहि जात बीच पुहुमी के मुलुक खजाने कहौं साथ गए किन के,
और महिपालन की गिनती गिनावे कौन रावन से हुइ गये त्रिलोकी बस जिनके,
चोबदार, चाकर, चमूपती, चंवरदार, मंदिर मतंग ये तमासे चार दिन के,
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