क्षौहणी अट्ठारह दल बाजे वारे रावन के, पूत भूत नाती केते,भूतन को खाय गये,
नव लाख गाये ब्याये तासो कहैं एक नन्द, ऐसे नौ नन्द उपनन्दहू हिराय गये,
श्रीपति भनत माया गिरधर गोपाल जू की, लेत देत बारन बज़ार ऐसी लाय गये,
सौ भये तिमिर के, सहस साठ सगर के,छप्पन करोड यादव छण मा सिराय गये,
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