लानत है उस रीझ पर जो नियामत छाँड़ गले बिच बांधे मलामत,
मियां मत कीजिये वकालत पेश यहाँ दरपेश वहाँ की कलामत,
क्यां ज़बां शीरी फकीरी कही, और तो उधौ जले पे जलामत,
थूक थुवा जो हुआ सो हुआ दुआ करो रहे कूबरी कृष्ण की जोड़ी सलामत,
मियां मत कीजिये वकालत पेश यहाँ दरपेश वहाँ की कलामत,
क्यां ज़बां शीरी फकीरी कही, और तो उधौ जले पे जलामत,
थूक थुवा जो हुआ सो हुआ दुआ करो रहे कूबरी कृष्ण की जोड़ी सलामत,
No comments:
Post a Comment