Tuesday, January 25, 2011

इन  दुखियान  को   चैन  सपनेहु मिलेउ, तासो सदा ब्याकुल बिकल अकुलायेंगी,

प्यारे हरिचंद जू की बीती औधि जानि,प्रान चाहत चलै पै ये तो संग ना समायेंगी,

देखेहु ऐक बारहू  नैन भरि  तोहि याते, जौन जौन लोक जहिये तहा पछितायेंगी,

बिना  प्रान  प्यारे  भये  दरस  तुम्हारे  हाय, मरेहू पै आंखे ये खुली ही रह जायेंगी,

No comments:

Post a Comment