डरो न अहीरन ते, अगर अबीरन ते, चार जनी चारू, चारो ओरन ते धावो री,
एक हाथ,आड़ो पिचिकारी की अगारी मार, दूजे हाथ ओट राखि आँखिन बचाओ री,
कवि सरदार आयो बड़ खिलवारी ताहि, खेल को स्वाद रंग रंगन बताऊ री,
कीरतकुमारी कहेउ हेर के कुमारी कोऊ, है री गुनवारी बनवारी बांध लाओ री,
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