द्विज श्याम विभव बिलास के भवन,
साधु सेवत सुमन से शमन भव बाधा के,
श्याम रास लासमय उठत सहुलास संग,
धकिट धिकिट धूम धिधिकिट धा धा के,
शरण्य शरण्यमान मोचन के मंत्र मान,
अभिमत दान दान करुना अगाधा के,
छंदनीय छन्दत सुछंद, छंद बंद छाड़,
बंदनीय बंदत पदार विंद राधा के,
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