Thursday, January 6, 2011

कमल के पितु सरितपति,   गरल सुधा शशि भाई,
मित्र    भानु,   ब्रम्हा  तनय,   विश्व   भरा जेहि माहि,
विश्व  भरा    जेहि   माहि,   श्री,   रम्भा  दोउ भगिनी,
बहनोई    श्री     इन्द्र     नाथ,    सब    सुन्दर  सजनी,
अस   परिवार   तुषार   जड़,   जार   किओ   तन छार,
तुलसी    असमय   के   परेकोऊ नहि  सुनत गुहार,

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