Thursday, January 20, 2011

खाय  चुकै  खाने , बनाय चुकै बाने सब, गाय चुकै  गाने, सरसाने  सुख सोय चुकै,

साध   चुकै  साधन,  अराध  चुकै  आधनबाँध    चुकै  व्याधन,  उपाधन  लोय  चुकै,

साधु   कवि  महाराज, राघव  अलोकिन   ते,  लोक  परलोक  दुहूँ  से  हाथ धोय चुकै,

रीझ चुके,रिझै चुकै खीझ चुके,खिझै चुकै, सीझ चुके, सिझै चुकै, होनै है सो हुई चुके,

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