आजु लौ जो न मिले तो कहाँ,हम तो सब भाँति तिहारे कहावे,
मेरो उलाहनो है कछु नाहि, सबै फल आपने भाग को पावे,
जो हरिचंद भई सो भई, अब प्राण चलन चाहे तासो सुनावे,
प्यारे जू है जग की यह रीत,बिदा के समय सब कंठ लगावे,
मेरो उलाहनो है कछु नाहि, सबै फल आपने भाग को पावे,
जो हरिचंद भई सो भई, अब प्राण चलन चाहे तासो सुनावे,
प्यारे जू है जग की यह रीत,बिदा के समय सब कंठ लगावे,
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