सब रत्न सुरो मे बँटे इसलिये मदहोश किया मदिरा को पिला,
गज, बाज की कौन करे गिनती तरुराज का भी है फिजूल गिला,
बनती रमा आपकी, छोडती क्यों, कुछ नहीं तो शंख ही देते दिला,
इस बन्दर बाँट में न्यायी प्रभू,बताओ असुरो को मिला क्या भला,
गज, बाज की कौन करे गिनती तरुराज का भी है फिजूल गिला,
बनती रमा आपकी, छोडती क्यों, कुछ नहीं तो शंख ही देते दिला,
इस बन्दर बाँट में न्यायी प्रभू,बताओ असुरो को मिला क्या भला,
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