तुम उधौ जाय न और कहेउ, उनसों बिनती इतनी सी अहै,
पत्नी पति की, पत्नी को पिया, अति होत सगो जब पानि गहै,
यहि हेतु सो राधिका श्याम के बीच,तीजे को ठाम न वेद कहै,
पर कान्ह तो हुइगे कूबरी के, यह राधिका कौन की ह्वै के रहै,
पत्नी पति की, पत्नी को पिया, अति होत सगो जब पानि गहै,
यहि हेतु सो राधिका श्याम के बीच,तीजे को ठाम न वेद कहै,
पर कान्ह तो हुइगे कूबरी के, यह राधिका कौन की ह्वै के रहै,
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